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झांसी अग्निकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्र समाप्त हो चुके थे और फायर अलार्म भी नहीं लगा था, जिससे लोगों को दुखद घटना की जानकारी देने के लिए समय पर सायरन भी नहीं बजा। झांसी के दुखद घटना के बारे में लोगों को देर से पता चला। इसके अलावा हादसे के वक्त निकास द्वार भी बंद था, जिसके कारण आग लगने के बाद लोग बाहर नहीं निकल सके। 10 मासूम बच्चे और उनके परिवार सिस्टम की भेंट चढ़ गए
झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत #Jhansi | #UttarPradesh | @anjali_speak pic.twitter.com/5ngrxnkhqz
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) November 16, 2024
झांसी अग्निकांड को लेकर क्या हुआ ?
अग्नि सुरक्षा अलार्म नहीं बजा, रखरखाव नहीं किया गया, अग्निशामक यंत्र काम नहीं कर रहे थे, निकास द्वार बंद था जिसके कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। तुम्हें खिड़की तोड़नी होगी और फिर अंदर घुसना होगा. आपको यह समझना चाहिए कि अगर यहां तैयारियां पूरी होतीं तो 10 मासूमों को बचाया जा सकता था, लेकिन यहां अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.हैरानी की बात यह थी कि आग लगने के बाद न तो फायर अलार्म बजा और न ही टैंक में रखे सिलेंडर किसी काम आए। सिलेंडर पर फिलिंग डेट 2019 की है और एक्सपायरी 2023 की है यानी ऑक्सीजन सिलेंडर पिछले साल ही एक्सपायर हो गया था.यहां पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
आखिर कब तक वो सिस्टम निर्दोष लोगों की जान लेता रहेगा ?
अग्निशमन यंत्र खत्म हो चुका था और इसके अलावा निकास द्वार पर भी ताला लगा हुआ था, ऐसे में यहां एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अधिकारी 12 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट दें और ऐसी ही कार्रवाई यहां होनी चाहिए.ऐसी घटना दोबारा न देखने को मिले, इसके लिए आपको यह समझना होगा कि 10 नवजात शिशु, कुछ दो दिन के, कुछ पांच दिन के, जिनके माता-पिता को उनसे मिलने की भी अनुमति नहीं है जब उनके बच्चे ऐसे आईसीयू में होते हैं और ऐसे में यहां उनके बच्चे मौत की नींद सो गए, खुशियां मातम में बदल गईं. झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात लगी आग ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है.यह दिल दहला देने वाली घटना है. मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू सेंटर में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. आग की आवाज सुनते ही जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने तुरंत बचाव अभियान चलाया. उन्होंने अस्पताल की खिड़कियां तोड़ दीं और बच्चों को वहां से बचाया.
झांसी अग्निकांड आग लगने का कारण ?
यहां पर लापरवाही बढ़ती गई क्योंकि वहां पर जो अग्निशमन यंत्र थे वो काम नहीं कर रहे थे और इसके अलावा फायर अलार्म वहां पर नहीं बजा क्योंकि जो सिलेंडर है ऑक्सीजन का सिलेंडर है उस पर कुछ काम हो रहा था जिस वजह से आग फैलती है अब ये जानकारी सामने आ रही है और मुख्यमंत्री योगी ने मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है लेकिन यहां जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घायल बच्चों को सर्वोत्तम इलाज मिले और इस दुखद घटना की तुरंत जांच की जानी चाहिए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.’ सीएम योगी ने दुख जताते हुए कहा कि सरकार घटना पर कड़ी नजर बनाए हुए है.सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घायल बच्चों को सर्वोत्तम इलाज मिले और इस दुखद घटना की तुरंत जांच की जानी चाहिए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
सीएम योगी ने दुख जताते हुए कहा
सरकार घटना पर कड़ी नजर बनाए हुए है.यहां अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और आपको यह समझना चाहिए कि इस समय कई बच्चे हैं जो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. हैं और उनके इलाज चल रहा है, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी ने आदेश दिया था कि जो नवजात शिशु हैं.हम लोग देर रात से ही इस व्यवस्था में लगे हुए थे कि जो बच्चे गंभीर स्थिति में हैं उन्हें उचित इलाज मिले और उन बच्चों को इलाज मुहैया कराया जा सके.वहीं 10 बच्चों की मौत हो गई है, बाकी बच्चे सुरक्षित हैं, स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम, मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम, प्रशासन और पुलिस प्रशासन सभी को सुरक्षित निकालने में सफल रहे, लेकिन उन सभी परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. अपने मासूम बच्चों को खो दिया.
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आपके अनुसार, इस प्रकार झांसी की दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए ?
आग लगने के बाद किए गए राहत कार्यों पर आपकी क्या राय है ?
इस आग ने आपके जीवन पर क्या प्रभाव डाला है ?